शनिवार, 15 अक्टूबर 2016

एक रोटी और बच्चे दो

एक दुखियारी माँ की सुनो
 ये विपदा भारी
रोटी देखकर रोती जाये ..
रोते रोते कहती जाये
एक रोटी और बच्चे दो
कौन रहेगा भूखा आज
 किसे मिलेगी ऱोटी आज
माँ बोली सुन लाडली मेरी
भैया को दे  तोहफा आज
बेटी भूख से तड़पी तो
माँ बोली सुन कहानी रानी
कल जब होगी किसी की शादी
तुझे मिलेगी पूरी भाजी
सपने में दावत भी देखी
लेकिन सुबह तक आस भी टूटी
माँ की लाडली रूठ गयी
प्राण पखेरू छोड़ गयी
आखिर जीती कैसे वो
जिस माँ की पीड़ा ये हो
एक ऱोटी और बच्चे दो

19 टिप्‍पणियां:


  1. कब बदलेंगे हालात ..कब हर इंसान को मिलेगा पेट भर भोजन और कब रुकेगी भूख की वजह से होने वाली मौते

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  2. aakhir kab tak bhukhmari ka ant nahi hoga...isse sharmnak isthiti kya hogi desh mein

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  3. emotional hakikat...kuch karu mein apno ke loye ab mera ye laksh hoga..
    thank you Manjulaji

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  4. karun gatha hai par is tasveer ko badalna hoga hum sabko

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  5. भुखमरी का दर्द अच्छे अच्छे तरीके से बयां किया है आपने

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  6. mera bas chale toh desh mein koi bhukha na soye...ab bhukhmari ka ant hona chahiye

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  7. kahani kuch apni kuch apno ki kuch begano ki

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