कितना कुछ बदल जाता है हर साल दिवाली पर
कोई बदले घर का रंग रोगन, कोई बदले सजावट
कही पनपे नयी उम्मीदे,कही सजते नए सपने
खेतो में रबी की बोई जाती है कहीँ नई फसले
रसोई में महकने लगती है नए धान की खुशबू
बाज़ारो की रौनक देख दंग रह जाते विदेशी सैलानी
दिवाली को भारत की धरती पर जगमग करते लाखो दिए
माँ लक्ष्मी के आशीष से धन धान्य का वैभव ऐसा देख
देवो के देव महादेव भी धरती भ्रमण को निकलते