विचार शक्ति
विचार कितने बदले, कितने आज़ाद हो
क्या विचारो को किसी पहरे की ज़रूरत नहीं ?
सोचो कितना कुछ अंधकार में ढल सकता है
अगर विचारो के प्रवाह की धारा ना हो सही
मोल शब्दो का समझना भी ज़रूरी है दोस्त
आखिर विचारो के बहाव का जरिया शब्द ही तो है
स्वछन्द मन, स्वछन्द विचार और समझदार कलम
ज़रूरत है मेरे देश को उस लेखक की दोस्त
जो लिखे तो तोलकर जो बोले तो मोल जानकर
भ्रम,द्वेष,इर्ष्या,की काई विचारो ने जो खाई
समाज के पतन को फिर कौन रोक सके मेरे भाई
फेसबुक,ट्विटर सोशल नेटवर्क है बहुत ज़रूरी पर
इनकी उपयोगिता का इस्तेमाल भी हो उतना ही सही
सोशल साइट्स पर युद्ध अनर्गल करने से बेहतर है
वैश्विक एकता,समस्याओं,समाधान,के विचारो का प्रवाह हो यही
इन्टरनेट की शक्ति को मानव जाति की रक्षक बनाये भक्षक नहीं