सोमवार, 12 जून 2017

कलम का संघर्ष

pen's conflict
Pic Courtsey:Huffingtonpost.com
शब्दों की ताकत गुम होने लगी 
मेरी व्यथा का रंग गाढ़ा और हुआ 
कलम रुकने का अहसास मुझे से पहले 
शब्दों की गुम होती वर्णमाला को हुआ 

पीर बड़ी हो गयी कलम से 
शब्द राह भूल गए तभी से 
कासे कहु पीर नीर भरी अखियन की 
जो सहू कुछ कहु कुछ बहूँ 
अविरल व्यथा फिर भी कह ना सकू 

बहाव कितना भी तेज क्यों ना हो
आवाज़ दबी सी रहती है
छपाक से कुछ गिरा कलम से 
दर्द टपकने का आभास कम हुआ तभी से

एक सहेली कलम है मेरी 
बिना इज़ाज़त लिखती भी नहीं 
सहने का इरादा मेरा है
मुझसे अलग तब भी होती ही नहीं