वक्त की स्याही दिखती नहीं, कहती बहुत कुछ है
बीते हर दौर के पन्ने ख़ाली सही, समझाते बहुत कुछ है
धर्म क्षेत्र कैसे बना रण क्षेत्र,अनुभव ग्रंथो में वर्णित है
समय के साथ बनते मिटते साम्राज्यो के किस्से अमिट है
जाँच लो स्याही हर दौर की एक है
वक्त के साथ मिट जाते है अस्तित्व सभ्यताओं के
रह जाते है वक्त की रेत पर निशान स्वतः स्याही के