Pic Courtesy:The increase woman.com
अगर मैं भी तुम सी हो जाऊ
तो मेरा मुझ में क्या रहा
असर बात का सिर्फ मुलाकात तक रहे
सिमट जाये मेरी शख्सियत तुम में
तो मेरा मुझ में क्या रहा
तेज हवा,आंधी से उखड कर
बस जाऊ कही और
तो मेरा मुझमे क्या रहा
बह जाऊ तेरी बातो के दरिया में
डूब जाऊं तेरे सपनो की दुनिया में
तो मेरा मुझ में क्या रहा
तेरी सोच को बना लू अपनी सोच
दुनिया में कमा लू रत्ती भर नाम
तो मेरा मुझमे क्या रहा
पंख अपने काट दूँ
छोड़ दूँ सारा खुला आसमान
बैठ जाऊ लेकर तेरी ख्वाहिशो का पुलिंदा
तो मेरा मुझ में क्या रहा
तू कहे हाँ तो मैं कहूँ हाँ
तू कहे बैठ और मैं बैठ जाऊं
तो मेरा मुझ में क्या रहा
हर कदम पर साथ चल देना
खुद को तुम में रंग देना
अगर यही किस्मत बना लूँ मैं
तो मेरा मुझ में क्या रहा
इंसान साथ रहे
सोच जुदा हो तो क्या
दिल में प्यार रहे सम्मान रहे
विचार अलग हो तो क्या
अगर में भी तुम सी हो जाऊं
तो मेरा मुझ में रहेगा क्या
Very right why should one leave its identity just because someone is your friend life partner companion or senior or political leader
जवाब देंहटाएंRIGHT SIR,This is what i want to convey.Thank you for the feedback.
हटाएंRegards
Impressive lines...Superb writing...Huge Fan of yours
जवाब देंहटाएंहर कदम पर साथ चल देना
खुद को तुम में रंग देना
अगर यही किस्मत बना लूँ मैं
तो मेरा मुझ में क्या रहा
सच कहा किसी के सानिध्य में इतना भी न डूब जाइये की हम अपनी शख्सियत खो बैठे
dont loose your identity
जवाब देंहटाएंSach hair losing ka prabhav it name kyo ho human par
जवाब देंहटाएंKya bat hai Manjula di..gazab
जवाब देंहटाएंअगर मैं भी तुम सी हो जाऊ
जवाब देंहटाएंतो मेरा मुझ में क्या रहा
Aap bahut accha likhti hai...ishwar aapko lambi umra de didi
Kya bat Hai koi bhi Kisi air ke impression mein Kyo itna as Jaye ki uski apni personality khatam ho jaye
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