ना शब्द बांध सकते है मेरे अहसास की ताकत
ना साँझ रोक सकी मेरी मंज़िलो की सड़क
ना मुश्किलें जान सकी मेरे इरादों की ताकत
ना सुबह ले सकी मेरी ताज़गी की महक
ना वस्त्र ढक सके मेरी खूबसूरती की झलक
ना अम्बर समझ सका मेरी ऊंचाई का महत्व
ना सागर की गहराई समझ पाई मेरे मन की गहराई
ना मेरी राख ही समझा पाई मेरे अपनों को मेरा अस्तित्व
एक धरती का सहारा है जिसने औरत के अस्तित्व को खुद से संवारा है
सहती है बहती है न कहती है बस अपने हर गुण से मेरी कहानी कहती है
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जवाब देंहटाएंस्त्री शक्ति को समर्पित उम्दा लेखन
जवाब देंहटाएंआपकी रचनए जितना पढ़ो कम है ...हर बार नए रास्ते खुल जाते है
Surat shanti haI. ..sure aap ki kavita sarvottam..
जवाब देंहटाएंHats of to you..aaj take it needs khub surat shabd nahis padded Maine-et-Loire national ki upmarket mein
Aurat Shakti Hai..Hope every one get this clearly
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