प्यार की गलियों में इश्क़ की जगह नहीं होती
मैं प्यार का दम भरता रहा, पर इश्क़ न कर सका कभी
चाँद तारे तोड़कर आँचल मे बिछाना चाहता था
प्यार के सारे कायदे भूल जाना चाहता था
इश्क़ को किसी कोने में खड़ा करके
प्यार की हर रस्म निभाना चाहता था
ज़िद पहाड़ो से टकराने की थी मगर
क्यों इश्क़ को बेखबर रखना चाहता था
साथ निभाने के वादे किये, सात छिपकर फेरे लिए
प्यार मे उसके सफर भी बहुत किये
इश्क़ से नज़र चुराकर सफर मे साथ निभाने की कसमे भी खाई
ज़िन्दगी के हर मोड़ पर उसके सुख दुःख की खबर भी रखी
प्यार के नाम पर कुछ राज़ खुले घर द्वार मे
अपनों की कसम लेकर प्यार को रुस्वा किया
इश्क़ की कब्र भी खोदी प्यार का दम भी भरा
अपनी नज़र के चोर को दिल के दरवाज़े मे दफन किया
जहाँ भी रास्ते प्यार की मंज़िल के दिखे
रास्तो पर दर्द की नुकीली झाड़ियां ऊगा दी
रास्तो पर दर्द की नुकीली झाड़ियां ऊगा दी
महफ़िलो मे गैरो की प्यार के गीत गुनगुनाते रहे
इश्क़ तब भी अँधेरे से झांकता रहा
प्यार का दम भरने वाले आशिक को निहारता रहा
वो बेबस था, समझता था, ये इश्क़ नहीं आसाँ
Isha great words by maam
जवाब देंहटाएंIsha great words by maam
जवाब देंहटाएंYes true love is hard and thats why we say yeh ishq nahi aasan.
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