वक्त कब किसके लिए ठहरता है
जो समय के साथ बहता है गतिमान रहता है
नया चलन नहीं नए शब्द है
वक्त के साथ ना चलने वाला आउटडेटिड हो जाता है
समय की रीत कल भी यही थी आज भी यही है
सदिया गुज़र गई घड़ी की सुई नहीं थमी
ईश्वर ने पृथ्वी पर जीवन बसाया फिर पक्षियों ने घोसले बनाये
आदि मानव ने कंदराओ से निकलकर शहर बसाये
शून्य से हर बार क्षितिज तक खूब दौड़ लगाई
युग पर युग बीत गए पर समय की मार से ना बच पाया कोई
तभी तो कहते है बड़े बुज़ुर्ग समय कब किसके लिए एक जैसा रहता है
समय तो बहता है और जो उसके साथ चलता है बस वही जीता है
नया चलन नहीं नए शब्द है
वक्त के साथ ना चलने वाला आउटडेटिड हो जाता है
समय की रीत कल भी यही थी आज भी यही है
सदिया गुज़र गई घड़ी की सुई नहीं थमी
ईश्वर ने पृथ्वी पर जीवन बसाया फिर पक्षियों ने घोसले बनाये
आदि मानव ने कंदराओ से निकलकर शहर बसाये
शून्य से हर बार क्षितिज तक खूब दौड़ लगाई
युग पर युग बीत गए पर समय की मार से ना बच पाया कोई
तभी तो कहते है बड़े बुज़ुर्ग समय कब किसके लिए एक जैसा रहता है
समय तो बहता है और जो उसके साथ चलता है बस वही जीता है
i too dont want to be outdated,,,nice learing
जवाब देंहटाएंI am afraid of being outdated
जवाब देंहटाएंFlow wid time and enjoy every bit of it.
जवाब देंहटाएंdon't be outdated
जवाब देंहटाएंhope we all always keep this in mind
true wakt kab kiske liye thahrta hai
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