वक्त की स्याही दिखती नहीं, कहती बहुत कुछ है
बीते हर दौर के पन्ने ख़ाली सही, समझाते बहुत कुछ है
धर्म क्षेत्र कैसे बना रण क्षेत्र,अनुभव ग्रंथो में वर्णित है
समय के साथ बनते मिटते साम्राज्यो के किस्से अमिट है
जाँच लो स्याही हर दौर की एक है
वक्त के साथ मिट जाते है अस्तित्व सभ्यताओं के
रह जाते है वक्त की रेत पर निशान स्वतः स्याही के
वाकई सच्चाई, शानदार
जवाब देंहटाएंशुक्रिया मेघा...आपकी टिप्पणियों का इंतज़ार रहेगा
जवाब देंहटाएंdharmshetra kaise bana ran shetra kya baat hai...very nice
जवाब देंहटाएंwakt kisi ka nahi hota iski apni chal hai
जवाब देंहटाएंsabhayate mitti banti rahti hai unke nisha jeevan hai tha rahega iski prerna deta hai
जवाब देंहटाएंरामायण महाभारत हर काल में यही हुआ और ये होता रहेगा
जवाब देंहटाएंवक्त की स्याही मिटती नहीं कहती बहुत कुछ है ..इतिहास गवाह है आपकी रचना का साक्षी है
जवाब देंहटाएंवक्त नहीं मरता सभ्यताए ख़त्म हो जाती है ...सिलसिला सदियो पुराना है युही चलता रहेगा...वाकई शानदार लिखा है आपने ...
जवाब देंहटाएंHats off
wakt ki syahi mitti nahi
जवाब देंहटाएंamazing words
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