शुक्रवार, 29 दिसंबर 2017

दम घुट रहा था अब तक

life in hell

घुटन थी दरवाज़े के उस पार 
ना आवाज़ सुनने वाला था कोई 
ना आवाज़ निकलने देता था कोई 
सिर्फ आँखे बोलती नज़र आती थी 
मगर उस भाषा का जानकर ना था कोई 
होठो के बीच फंसे अपने ही शब्दों की 
आवाज़ सुनने का मन करता है 
आज खुलकर सांस लेने का मन करता है 
ज़िन्दगी नाम की थी जिस शख़्स के 
उसके हर सितम का जवाब दे सकती हूँ मैं 
आज लगता है हवा का रुख बदल रहा है 
छोटे ही सही इस ठन्डे झोंके को 
सलाम करने का मन करता है 

गुरुवार, 21 दिसंबर 2017

आज की सुर्खियां


aaj ki surkhiyan

Pic Courtesy:
कल का अख़बार कौन पढ़ता है यहाँ
नई दुनिया की बात करता है जहां

कल की सीढ़ी पर पैर रखते है सभी 
आज की ऊंचाइयां छूने के लिए 

पुराने घाव रिसते है जहाँ  
नए सफर सफल होते है वहां  

अनुभव की पीठ पर सवार है जहां 
सुर्खियों में बात सिर्फ आज की होती है यहाँ?

मंगलवार, 12 दिसंबर 2017

कोहरा

Fog
Pic Courtsey :google
रंगीन चश्मे की
आज ज़रूरत नहीं
कोहरे ने दूधिया
मौसम जो कर दिया
रौशनी चुभती थी
कुछ आँखो को
मावठ की सुबह ने
उन ज़र्द चेहरों को ढक दिया

शनिवार, 9 दिसंबर 2017

एक नयी दुनिया बनायें

ek naya suraj
Pic Courtesy:Toddler.org
कुछ सीखो रोशनी से 
कुछ अंधेरो से सबक लो 
रचकर इतिहास नया 
रच दो एक बेहतर दुनिया 

कुछ फूलो सा महको 
कुछ सागर सा गरजो
जिनकी  राह ना कोई 
उनकी सड़क बन जाओ

अडिग पर्वत से बनो 
कोमल रहो लेकिन मन से 
बदल दो दुनिया की चाल
बदलकर अपनी चाल 

प्रकृति की सुन्दर कक्षा
मन के नैनो से पढ़लो 
जीने का अंदाज़ यही 
खुद जिओ और जीने दो