Courtesy:Ram Raksha Strot
जितना सरल राम का नाम उतनी जटिल राम की लीला
सौम्य तेजमयी जितनी छवि कठिन तपस्या उतनी रही
सत्य से बढ़कर धर्म नहीं वचन से बढ़कर जीवन नहीं
मनुष्य की शक्ति राम की भक्ति राम है जीवन दर्शन
विश्व ने जाना कृष्ण को राम उन्ही का दूजा नाम
त्रेता युग की मनमोहक छवि घट घट बसे राजा राम
राम नाम संजीवनी ज्ञान सुधा सुख धाम
भोर की पहली किरण है राम, शीतल चाँद की चांदनी राम
राम जगदाता भाग्य विधाता सरल सहज राजा राम
ज्योत जलाई जग को दिखलाई जीने की राह
सुख त्यागे दुःख भोगे वचन की खातिर महल भी छोड़े
जीवन क्या है राम की माया कभी धूप कभी छाया
राम सत्य है बाकी सब मिथ्या जाने कब समझेगा जग ये लीला
बहुत सुन्दर रचना..... आभार
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग की नई रचना पर आपके विचारों का इन्तजार।
Thank you for the feed back.Pls do visit always for the guidance
हटाएं