श्वेत का समर्पण श्याम को
जैसे दिन खो जाए शाम में
गोरी राधा का प्रेम श्याम से
जीत को मिले भाव हार से
सफर का आगाज़ हो मंज़िल
प्रकाश समझ मे ना आए
बिना अंधकार मे जाए
जीवन की जोत मिल जाए
आखिर प्रकाश पुंज में
यही है श्वेत का समर्पण श्याम को
जैसे दिन खो जाए शाम में
गोरी राधा का प्रेम श्याम से
जीत को मिले भाव हार से
सफर का आगाज़ हो मंज़िल
प्रकाश समझ मे ना आए
बिना अंधकार मे जाए
जीवन की जोत मिल जाए
आखिर प्रकाश पुंज में
यही है श्वेत का समर्पण श्याम को
jeevan ka sach...janm mritu ka saar
जवाब देंहटाएंthank you for the comment...
हटाएंjeevan ka katu satya yahi hai
जवाब देंहटाएंTHIS IS THE BEST I HAVE EVER READ
जवाब देंहटाएंbehtreen lines..loved it
जवाब देंहटाएंaakhir prakash mein hi to samana hai hame
जवाब देंहटाएंandhakar mein beete kuch kshan roshni ka mahatva samajha dete hai...shukriya is behtreen poetry ke liye
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जवाब देंहटाएंजीवन चक्र या मोक्ष प्रति का मार्ग
wah kya baat hai
जवाब देंहटाएंsamajhna mushkil hai par baat gahri hai
जवाब देंहटाएंUltimate...wow
जवाब देंहटाएंprakash punj yatra hai ye jeevan
जवाब देंहटाएंWow amazing lines
जवाब देंहटाएंgreat lines
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