शनिवार, 16 सितंबर 2017

ओल्ड इस गोल्ड

Missing Gold
Pic Courtesy :Flickr
सरलता सहजता 
गुम जब से हो गयी
ज़िन्दगी अजनबी 
कुछ और बन गयी है 

दोस्त बन रहे है
तकनीक और तेजी 
मिलावट का नया 
दस्तूर बन गया है 

मिठास की जगह 
मीठी बातों ने ली है 
अपनों की जगह 
बेगानो की झड़ी है 

सादगी की जगह 
भड़कते श्रृंगार ने ली है 
प्रकृति का मोल घटा 
विकसित नई पीढ़ी हुई है 

ओल्ड इस गोल्ड 
कहते है क्यों सोचो
खो गया है क्या 
बदलते युग की भीड़ में देखो

सरलता सहजता 
गुम जब से हो गयी
ज़िन्दगी अजनबी 
कुछ और बन गयी है 

बुधवार, 6 सितंबर 2017

नींव का सोना

Strong foundation








Pic Courtesy:Midday
सोना पिघलकर जब शख्सियत में तब्दील होता है 
दमक ललाट की अंधेरो में उजाला भर जाती है
पथरीले रास्तो पर चलकर घायल हुए जो इंसान
समय की आँधियो से लड़कर उभरे जो चेहरे
वही दीपक निराशाओ से लड़कर ज्योत जगाते है 

लहू और पसीने की कीमत जान कर बनी जो तकदीरे
वही पत्थर तराशकर अब हीरे को आकार देते है 
गुमनाम चेहरों को नाम तलाशने में मदद करते है 
हाथ से हाथ मिलकर बनता है कुछ ऐसे कारवां 
यही रैला चला जीवन की विषमताओं से लड़ने 

सफलताएं किसी थाली में सज कर नहीं मिलती
विषमताएं समाज की बिन आवाज़ उठाये नहीं मिटती
कितने दब जाते है नींव की मानिंद
कंगूरे बन जाते है श्रेय के हक़दार 
तालियों की गड़गड़ाहट  क्या छीन सकती है
किसी दमकते चेहरे की आभा