गुरुवार, 22 फ़रवरी 2018

हश्र कुछ ऐसा हुआ जन क्रांति का

Revolution,Anna
Pic Courtsey:Google
बदल रही है हवाएं युग धर्म की 
सपनों की हत्या हुई बहती धारा में
निकले थे हुंकार भरकर 
रम गए झंडू बाम बनकर
पथ भ्रमित हुए कुछ हमसायों की बात पर
इतिहास गवाह है
स्वागत लौटने वाले का होता नहीं
आगाज़ किया था जिस परिवर्तन का
उससे मुँह फेर लिया सत्तासीन होकर
जनता साथ चल रही थी आशान्वित होकर
दग़ा खा लौट आई
एक बूढ़े की लाठी तोड़ आई
क्रांति के बीज से बौना वृक्ष पैदा हुआ
ज्वाला समिधा की उठी थी जहाँ
वहीं एक बड़ा स्वप्न भस्म हुआ
एक छोटा निजी स्वार्थ एक बार फिर विजयी हुआ

शनिवार, 3 फ़रवरी 2018

दर्द विसर्जन

ganga laha le
Pic Courtsey:Google
खुद में ना पाल हलाहल इतना 
रगों में ना दौड़ा ज़हर इतना 
कुछ देर बैठ, मुझसे बात कर 
सुना क्यों सुर्ख है अक्स मेरा 
आईने में आज इतना 

ना विष रख, ना विष की यादें 
बहा दे अश्रुओं में भीतर भरा ज़हर सारा 
मिटा दे विस्मृति, स्मृति पटल से 
खोल दे मन के सारे ताले
कर दे  दर्द विसर्जित, गंगा नहा ले