मंगलवार, 5 मई 2009

जिम्मेदार कौन??

कितने और साल यह दुहाई दी जाती रहेगी की अभी वक्त ही कितना हुआ है देश को आजाद हुए ..अभी हम विकासशील देशो की श्रेणी में है..कब तक यह मीठा और धीमा ज़हर जनता को दिया जाता रहेगा की जिसका असर जब दिखाए देने लगे तो ज़हर देने वाले की पहचान ही बदल चुकी हो...सरकार बनने वाले दल का हर व्यक्ति अमीर और विकसित हो जाता है पर जनता का हाल ज्यो का त्यों रह जाता है ..सुधार के नाम पर आश्वासन पा रही जनता को भी संभालना होगा..क्योकि सरकार बनाने का हक ख़ुद को सुरक्षित हाथो में सोपने का हक जनता के पास है और इसका उपयोग अगर सोच समझकर सही नेता के लिए हो गया तो विकास की गंगा को कौन रोक सकता है॥
अपने हक के लिए जनता को सवाल करने का हक तभी है जब हम मतदान की प्रणाली में विश्वास रख कर सोच समझकर मतदान कर एक अच्छे वोटर का कर्तव्य निभाएगे
आज ज़िम्मेदारी से मुह मोड़ने का अर्थ है कल विपतियों का बोझ ढोना॥
आइये प्रण करे कि मतदान करेंगे और सही प्रत्याशी के लिए करेंगे॥

2 टिप्‍पणियां:

  1. aapne hamari aankhe khool di .....hame hamare adhikaar ki yaad dila kar upkaar kiya hai thanks

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  2. Kehte hai jis tarah bacche ke bolne se uske ghar ke mohol ke baare me pata chlate hai . Usi tarah kisi bhi desh ke neta se us desh ke logo ki pehchan hoti hai. Kyoki log apne jaise hi neta chunte hai. Isleye
    JAB KHUDH HAI ZIMMEDAAR
    TO PHIR KYU HAI PARESHAAN. JAAGO MATDATA NAHI TO DESH HAMESHA KE LIYE SO JAYEGA

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